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रविवार व्रत कथा

गोपाल शुक्ला

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2014
पृष्ठ :9
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9842

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सभी मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु रविवार का व्रत श्रेष्ठ है

रविवार को सूर्य भगवान का व्रत करने से आँख की पीड़ा के साथ-साथ अन्य सब पीड़ायें दूर होती हैं...

रविवार व्रत की विधि, कथा एवं आरती

रविवार व्रत की विधि


सभी मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु रविवार का व्रत श्रेष्ठ है। इस व्रत की विधि इस प्रकार है। प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त हो स्वच्छ वस्त्र धारण करें। शान्तचित्त होकर परमात्मा का स्मरण करें। भोजन एक समय ही करें। भोजन या फलाहार सूर्य के प्रकाश के रहते ही कर लेना उचित है। यदि निराहार रहने पर सूर्य अस्त हो जाता है तो दूसरे दिन सूर्योदय हो जाने पर अर्ध्य देने के बाद ही भोजन करें। व्रत के अन्त में व्रत कथा सुननी चाहिए। व्रत के दिन नमकीन तेलयुक्त भोजन कदापि ग्रहण न करें। इस व्रत के करने से मान सम्मान बढ़ता है तथा शत्रुओं का क्षय होता है। आँख की पीड़ा के साथ-साथ अन्य सब पीड़ायें दूर होती हैं।

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